Saturday, 18 March 2017

आखिर क्या लिखूँ

सत्य लिखूं या मिथ्य लिखूँ या अपने ज़ज़्बात लिखूँ
जीत लिखूं या हार लिखूँ या अपने हालात लिखूँ
उगता सूरज आज लिखूँ या ढलते सूरज की बात लिखूँ
ओश की बूँद की रात लिखूँ या पतझड़ सावन बरसात लिखूँ |

पहली-पहली प्यास लिखूँ या सूखे झरनों की याद लिखूँ
खिलती कलियाँ आज लिखूँ या मुरझाई बल्लरियों की बात लिखूँ
धरती-अंबर की बात लिखूँ या बदला मौसम आज लिखूँ
सावन की बरात लिखूँ या अश्कों की बरसात लिखूँ |

पल-पल तेरा साथ लिखूँ या बीती लम्बी रात लिखूँ
प्यारी सी धुंधली याद लिखूँ या आखों का पहला प्यार लिखूँ
नयनों की चुम्बन साथ लिखूँ या काँटों की चुभन आज लिखूँ
तन-मन अर्पण की बात लिखूँ या टूटे दर्पण पे आज लिखूँ |

कश्मे-वादे साथ लिखूँ या टूटे सपनो की बात लिखूँ
दूरी का एहसास लिखूँ या मज़बूरी की बात लिखूँ
बीती यादें  आज लिखूँ या जो बीत गया वो बात लिखूँ
हाथों में तेरा हाथ लिखूँ या छुटा तेरा साथ लिखूँ |

चिर-चितवन तेरा साफ़ लिखूँ या चितवन के धूल पे आज लिखूँ
हर्षित मन की बात लिखूँ या कल्पित ह्रदय से आज लिखूँ
जलते दीपक की बात लिखूँ या बुझते दीयों को आज लिखूँ
इंद्रधनुष की बात लिखूँ या बिखरे रंगों से आज लिखूँ |

No comments:

Post a Comment